Saturday, December 14, 2024

कलम वही सार्थक है जिसकी लेखनी में दम हो

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एक ऐसा कलमकार जिसकी कलम से निकली हर बात है कुछ ख़ास ,अंदाज है जुदा ,लीक से हट कर ,अपनी खुद की लकीर खींचने की कवायद … धर्मेंद्र मिश्रा हिंदी विधा के एक ऐसे उपन्यासकार, कहानीकार और दार्शनिक हैं जिनकी रचनाएँ जीवन के हर पहलू को छूती है ,भाव में एक गहराई है, मर्म है, संवेदना है जो सीधा दिल से निकलती है और दिल में ही उतरती है ।
कल्पनाओं का एक ऐसा आकाश जहाँ अवसाद का धुंध है तो हर्ष रूपी चांदनी की शीतलता है, सुबह की उजली किरण जो जीवन को एक नई राह दिखाती है तो वहीँ अस्ताचल जीवन का अवसान भी है ।
बहुत कुछ भी कुछ ही है जब संभावनाओं का अनंत आकाश हमारे सामने हो ; धर्मेंद्र मिश्रा की कुछ चुनिंदा रचनाओं का जिक्र करेंगे जो लोगों को बहुत पसंद आई, लेखक के तौर पर एक नई पहचान मिली ।
उपन्यास “दायरा” ये उपन्यास कुछ ऐसे युवाओ के संघर्ष और आकंक्षाओं पर आधारित है जो समाज और सामाजिक कुरीतिओं से परे सामजिक समरसता का ख्वाब देखते हैं।
हमारा जीवन ये समाज एक दायरे में बंधा है ,अमीरी -गरीबी,जाती,वर्ग,समुदाय मजहब जैसे कई ऐसे दायरे हैं जो तय मानक पर आधारित हैं।
किंतु कहानी में नायक के मन में उठने वाले भाव तरंगे ,प्रेम की लहरे इस समाज रूपी दायरे बंधन से परे है जहाँ बोध है मनुष्यता का,नैतिकता का ,समान हक़ ,न्याय का, जिसके लिए वे समाज से संघर्ष करते हैं ।
यह एक सामाजिक और राजनीतिक परिवेश पर आधारित है, जिस में पात्रों के माध्यम से प्यार मोहब्बत ,अमीरी गरीबी ,जात पात जैसे जीवन की धारणा को रहस्य और रोमांचक तरीके से दर्शाया गया है ।
एक और प्रकाशित उपन्यास” मुहाना” की बात की जाए तो यह एक विज्ञान पर आधारित फैंटेसी है जो समय से कई हजार वर्ष आगे की दुनिया को दर्शाता है ।
आधुनिक विज्ञान की रूप रेखा काल्पनिक अवधारणा के आधार पर विषय -वस्तु तैयार की गई है। जहाँ पात्र गतिशीलता और स्थिरता का अनुभव एक साथ करते हैं ।

 

जीवन परिकल्पना है या वास्तविकता अगर है तो पहले परिकल्पना ने वास्तविकता को जन्म दिया या वास्तविकता ने परिकल्पना को ? कल्पना और वास्तविक दुनिया में कोई अंतर मालूम नहीं पड़ता।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, क्वांटम फिजिक्स की अवधारणा पर आधारित प्रायोगिक वैज्ञानिक जीवों से भरी दुनिया जहाँ पात्रों के माध्यम से ऐसा जाल बुनती है जहाँ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दुनिया में भेद कर पाना बहुत ही मुश्किल जान पड़ता है ।
वहीँ एक और कहानी संग्रह की पुस्तक “कहानी की दुनिया” प्रकाशित है जो दर्जनों कहानियों के संग्रह से तैयार की गई है ।
इस सीरीज में कई कहानियाँ है जो Horror ,Ghost haunted पर आधारित हैं, वहीँ कुछ गुदगुदाने,हँसाने वाली तो कुछ रुलाने वाली जो आप को अंदर से मानव संवेदना का अहसास करवायेंगी , वहीँ कुछ व्यंगात्मक चटपटी कहानियाँ भी हैं ।
जिसमें कुछ कहानियाँ सामाजिक ग्रामीण परिवेश पर तो कुछ कहानियाँ शहरी परिवेश पर आधारित, मजेदार गुदगुदाने वाली तो कुछ रुलाने वाली हैं । कुलमिलाकर एक कम्प्लीट मनोरंजन का पिटारा है ।
अब बात करते हैं हालिया प्रकाशित “सैर सपाटा : बाल सुलभ कहानियाँ ”
का दूसरा संस्करण ,इस पुस्तक के पहले भाग को भी लोगों ने बहुत पसंद किया था ।ये पुस्तक नैतिक मूल्यों पर आधारित आधुनिक परिवेश को ध्यान में रख कर जंगली जीव जंतुओं के माध्यम से भरपूर मनोरंजन करती है ।
सामान्य पाठक इन कहानियों के माध्यम से स्वयं को जोड़ कर देख पाता है ।
इसके अलावा भी और एक महत्वपूर्ण पुस्तक धारणावाद : अमूर्त दर्शन” है जो मानव जीवन दर्शन पर आधारित कई आलेखों का संग्रह है जो मनुष्य के आर्थिक सामाजिक ,राजनैतिक परिदृश्य पर उसके दृष्टि कोण पर बल देती है ।
कुछ अन्य पुस्तकें हैं जैसे की : लम्पट ,आबरू ,किड्स बूस्टर ,कलर मी, नोट बुक इत्यादि ।
ये सभी पुस्तकें अमेज़न ,फ्लिप कार्ट ,नोशन प्रेस के माध्यम से ईबूक, पेपर बैक माध्यम से प्रकाशित हैं ।
जिन्हें आप ऑनलाइन पढ़ सकतें हैं या आर्डर कर प्रिंट बुक मंगवा कर पढ़ सकतें हैं ।

Link- https://www.amazon.in/Dharmendra-Mishra/e/B07BMV8XHX/ref=aufs_dp_fta_dsk
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Pooja
Poojahttps://indiaswaroop.com/
I'm Pooja, your guide through the dynamic world of digital press releases. As a content writer with experience in handling content research, proofreading, and creative writing, my passion lies in transforming information into captivating narratives that not only inform but leave a lasting impact in the digital landscape.

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